प्रश्न का महत्त्व क्या है यह जानने के लिए यह कथा सुनो-
एक जुआरी दोपहर में एक महात्मा के पास गया और उनसे कहने लगा "महाराज जी..मैं आज सुबह अपने दोस्तों के साथ पत्ते खेल रहा था...मैं जीत तो नहीं रहा था..पर ज़्यादा हारा भी नहीं था..जुआ बहुत अच्छा चल रहा था लेकिन थोड़ी देर के बाद ही शराब पीने का दूसरा दौर चला और मेरे साथ पत्ते खेलने वालों ने मुझे बहुत मारा-पीटा और सारे पैसे छीन लिए.. मुझे कोई ऐसा उपाय बताइये जिससे आगे कभी भी मेरे साथ ऐसा कुछ न हो"
"भाई.. अगली बार जब जुआ खेलने जाना तो अपने साथ अपने दो चार हट्टे-कट्टे दोस्त ले जाना" महात्मा ने उसे यह उत्तर दिया जिसे सुनकर जुआरी खुशी खुशी चला गया, परन्तु महात्मा की यह बात सुनकर उनका शिष्य थोड़ा दुखी होकर बोला "लेकिन गुरुदेव.. आप उससे यह भी तो कह सकते थे कि जुआ खेलना बुरी बात है..अगर वो जुआ खेलने नहीं जाता तो न शराब पीता..और न ही मारा-पीटा जाता।
महात्मा मुस्कुराए और बोले "तुम्हें क्या लगता है वह यह बात नहीं जानता कि जुआ खेलना और शराब पीना बुरी बात है.. वो बस ये जानने आया था कि कैसे वो अगली बार पीटे जाने से बचे और उसके पैसे न छीने जाएं.. उसे उसके मन का उत्तर चाहिए था न कि मेरा ज्ञान और अपना उत्थान।"
#आचार्यतुषारापात #ज्योतिषडॉक्टर
एक जुआरी दोपहर में एक महात्मा के पास गया और उनसे कहने लगा "महाराज जी..मैं आज सुबह अपने दोस्तों के साथ पत्ते खेल रहा था...मैं जीत तो नहीं रहा था..पर ज़्यादा हारा भी नहीं था..जुआ बहुत अच्छा चल रहा था लेकिन थोड़ी देर के बाद ही शराब पीने का दूसरा दौर चला और मेरे साथ पत्ते खेलने वालों ने मुझे बहुत मारा-पीटा और सारे पैसे छीन लिए.. मुझे कोई ऐसा उपाय बताइये जिससे आगे कभी भी मेरे साथ ऐसा कुछ न हो"
"भाई.. अगली बार जब जुआ खेलने जाना तो अपने साथ अपने दो चार हट्टे-कट्टे दोस्त ले जाना" महात्मा ने उसे यह उत्तर दिया जिसे सुनकर जुआरी खुशी खुशी चला गया, परन्तु महात्मा की यह बात सुनकर उनका शिष्य थोड़ा दुखी होकर बोला "लेकिन गुरुदेव.. आप उससे यह भी तो कह सकते थे कि जुआ खेलना बुरी बात है..अगर वो जुआ खेलने नहीं जाता तो न शराब पीता..और न ही मारा-पीटा जाता।
महात्मा मुस्कुराए और बोले "तुम्हें क्या लगता है वह यह बात नहीं जानता कि जुआ खेलना और शराब पीना बुरी बात है.. वो बस ये जानने आया था कि कैसे वो अगली बार पीटे जाने से बचे और उसके पैसे न छीने जाएं.. उसे उसके मन का उत्तर चाहिए था न कि मेरा ज्ञान और अपना उत्थान।"
#आचार्यतुषारापात #ज्योतिषडॉक्टर
No comments:
Post a Comment