Thursday, October 24, 2019

धनतेरस 2019 पर करें ये सरल उपाय,बने निरोगी पाएं धन-धान्य! धनतेरस पर अपनी अपनी राशि अनुसार करें सिर्फ यह एक उपाय,पाएं सौभाग्य!


आपको आम के पेड़ का एक स्वस्थ और बड़ा पत्ता लेकर उस आम के पत्ते को पानी से धोकर सुखा लेना है। जब पत्ता सूख जाए तो उसे किसी नुकीली चीज से हल्का हल्का गोदना है (हल्के हाथों से करें पत्ते के आरपार छेद न बने ये ध्यान रखें), फिर इसके बाद इस पत्ते को गाय के दूध में करीब आधे घण्टे के लिए भिगो के रख दें। अब अपनी अपनी राशि अनुसार ये काम करें-

1. मेष राशि वाले व्यक्ति दूध से निकाले पत्ते के बीचोबीच कत्थे की छाल रखें फिर एक ऐसा शुद्ध चाँदी का सिक्का रखें जिसे बाद में पहना जा सके( बच्चों को पहनाया जाने वाला चंद्रमा जैसा होता है)। सिक्का रखने के बाद उसके ऊपर कत्थे की छाल ऐसे रखें कि सिक्का पूरा ढक जाए इसके बाद आम के पत्ते को मोड़कर सिक्के को पूरा ऐसे बाँध दें जैसे पान पत्ते में बाँधा जाता है इसके लिए आप किसी धागे का प्रयोग करें तो बेहतर रहेगा उसके बाद एक मिट्टी के कुल्हड़ में गाय का घी इतना भरें जिसमें यह आम के पत्ते में बँधा चाँदी का सिक्का पूरा डूब जाए। घी से भरे कुल्हड़ में बनायी हुयी यह पत्ते की पुड़िया डुबोने के बाद कुल्हड़ के मुँह को एक बड़े मिट्टी के दीपक से ढक दें और उस दीपक  में गाय के घी से एक गोलबाती को धनतेरस की शाम अपने शहर के ठीक सूर्यास्त के समय जलाएं यदि यह दीपक आप भैया दूज की सुबह तक लगातार जलाए रख सकते हैं तो सर्वोत्तम अगर यह सम्भव न हो तो धनतेरस की शाम जलाने के बाद अगले चार दिनों के सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अवश्य प्रज्ज्वलित करें। इस सारी प्रक्रिया का  आरम्भ धनतेरस पर अपने शहर के सूर्यास्त से करीबन एक घंटे पहले से आपको करना है  और दीपक का प्रज्ज्वलन ठीक सूर्यास्त के समय करना है।

भैया दूज पर सूर्योदय के एक घंटे के भीतर इस आम की पुड़िया से चाँदी के सिक्के को निकाल लें और किसी भी रंग के धागे में पहन लें।

गाय के बचे दूध को और निकले हुए आम के पत्ते को घर के किसी गमले में दबा दें और कुल्हड़ के घी को अपनी रोजमर्रा के पूजन के दीपक में प्रयोग कर डालें।

चाँदी का सिक्का, बताई गई जड़ अथवा छाल, मिट्टी का कुल्हड़ और दीपक आदि की खरीदारी धनतेरस पर अपने शहर के ठीक मध्याह्न समय पर करें यदि यह सम्भव न हो तो जितना संभव हो इसके आसपास का समय चुने।


2. अन्य सभी राशियों के व्यक्तियों को ऊपर बताई गई यह पूरी विधि करनी है बस कत्थे की छाल की जगह प्रत्येक राशि के व्यक्ति इन   चीजों का प्रयोग करें-

3. वृषभ राशि के व्यक्ति ऊपर बताई गई विधि में कत्थे की छाल की जगह कपास की छाल या जड़ का प्रयोग करें, मिथुन राशि वाले केले के तने की छाल का, कर्क राशि वाले पलाश की छाल/जड़ का, सिंह राशि वाले मदार की जड़/छाल का, कन्या राशि वाले दूर्वा घास का, तुला राशि वाले गूलर की छाल का, वृश्चिक राशि वाले ढाक की छाल का, धनु राशि वाले केले की जड़ का, मकर राशि वाले शमी की जड़ का, कुंभ राशि वाले खजूर की गुठली का चूर्ण, और मीन राशि वाले पीपल की छाल या जड़ को ऊपर बताए गयी विधि (पॉइंट 1) के अनुसार प्रयोग करें।

काली कल्याणकारी!
#ज्योतिषडॉक्टर #आचार्यतुषारापात




Saturday, October 19, 2019

उठना और जागना


सुप्रभात!
अच्छा अगर पूछा जाए कि क्या तुम उठ गए? या तुम जाग गए? तो क्या दोनों में कुछ अंतर है या दोनों एक ही बात है? चलो छोड़ो ये दोनों टेढ़े प्रश्न और इस सीधे से सवाल का जवाब दो-
अगर मैं तुमसे पूछूँ कि तुम्हारे सुबह उठने की वजह क्या है,तो क्या जवाब होगा तुम्हारा?
कोई कहेगा कि उसे दूध लेने जाना होता है तो कोई कहेगा कि उसे सुबह उठकर पूजा अर्चना करनी होती है, कोई कहेगा उसे नित्य क्रिया के अत्यधिक दबाव के कारण उठना पड़ता है तो कोई कहेगा कि उसे हल्की सी भूख लगने पर नींद खुलती है, कोई चाय की तलब से उठता है और एक बहुत बड़ी आबादी उठती है अपने काम पर या कार्यालय या विद्यालय आदि पर सही समय पर पहुँचने के दबाव के कारण या फिर उस काम पर जाने वाले व्यक्ति के नहाने, नाश्ते, आदि की व्यवस्था करने वाले दूसरे व्यक्ति उस व्यक्ति के डेली रूटीन के दबाव में सुबह उठते हैं।
पर तुम अपने लिए कब जागे? तुम जागते हो अगर तुम उस काम के लिए उठते हो जिसमें तुम्हारी रुचि है या तुम्हें वो काम करना पसंद है । तुम उस काम के लिए जागते हो जिसमें तुम्हें महारत हासिल है या फिर तुम जागते हो दुनिया के लिए अर्थात तुम ऐसा कोई काम करने के लिए रोज अपना बिस्तर छोड़ देते हो जिससे संसार के अन्य लोगों को लाभ होगा और तुम जागते हो यदि तुम उस काम के लिए सुबह उठते हो जिससे तुम पैसा, प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त करते हो।
यदि ऊपर बताई चारों बातें एक साथ तुम्हारे सुबह जागने की वजह है तो मेरे मित्र तुम्हें कोई ज्योतिषी, डॉक्टर , मनोवैज्ञानिक, मोटिवेशनल स्पीकर, गुरु आदि की आवश्यकता नहीं पर अगर ऊपर बताई चारों बातें एक साथ नहीं लागू होतीं तो तुम ठीक पेज पर हो क्योंकि कुंडली में कर्म भाव और सुख भाव एक दूसरे के ठीक सामने होते हैं और इनका सामंजस्य कैसे बिठाना है ये तुम आगे जानोगे , तब तक ऊपर बताई बातों का चिंतन करो और क्या तुम स्वयं लागू कर पा रहे हो और क्या तुमसे नहीं हो पा रहा, अभ्यास के बाद उसे नोट करना शुरू कर दो जिससे पूछते समय तुम्हें उचित मार्गदर्शन मिल सके।
काली कल्याणकारी!🙏
#ज्योतिषडॉक्टर #आचार्यतुषारापात

Monday, October 14, 2019

परीक्षा या चुनाव

विद्या और ज्ञान

एक कहानी सुनाता हूँ सुनो

एक एकाउंटेंट जिसका नाम था विराट, अपनी पत्नी और पुत्री के साथ प्रयाग में रहता था। उसे समय समय पर अपनी पत्नी और अपनी छह वर्षीय बेटी की बुद्धि की परीक्षा लेने का बड़ा शौक था।

एक बार गर्मी की छुट्टियों में उसकी पत्नी की दोनों बहनें अपनी एक एक बेटी के साथ कुछ दिनों के लिए उसके घर आईं। उसकी एक साली ग़ाज़ियाबाद से थी और दूसरी चंडीगढ़ से। उन दोनों बहनों की दोनों बेटियाँ भी विराट की बेटी की उम्र के आसपास की हीं थीं।

एक दिन उसने तीनों बच्चियों की परीक्षा लेने का सोचा। उसने चॉकलेट के तीन पैकेट लेकर किचेन के सबसे ऊपर के कैबिनेट पे रख दिये जहाँ तक पहुँचने के लिए उसकी पत्नी को भी स्टूल लगाना पड़ता था तो छोटी बच्चियों के पहुँचने का कोई सवाल ही न था।

चॉकलेट ऊपर रखने के बाद उसने तीनों बच्चियों से कहा कि अब तीनों को इन पैकेटों में से अपने लिए एक एक पैकेट उठाना है लेकिन इसके लिए उन्हें न कोई  स्टूल या सीढ़ी वगैरह लगानी है और न ही उन्हें सीधे सीधे अपनी माँओं या उससे यानी विराट से चॉकलेट उठाने को कहना है।

चंडीगढ़ से आई बच्ची बहुत जोश में किचेन में इधर उधर दौड़ के चढ़ने की जगह ढूंढने लगती है पर थोड़ी बहुत कोशिशों के बाद थक जाती है और रूठ के जाते जाते कह जाती है "मौसा जी को अगर चॉकलेट खिलानी थी तो सीधे सीधे दे देते, ये क्या कि इधर से चढ़ो उधर से चढ़ो।"

विराट की खुद की बेटी कुछ भी प्रयास नहीं करती है और चुपचाप जाकर किचेन से लगी डाइनिंग टेबल की उस कुर्सी पर जाकर बैठ जाती है जहाँ से किचेन उसे दिखता रहे।

ग़ाज़ियाबाद से आई बच्ची अपनी एक कजिन को कोशिश करके हार के जाते देखती है और दूसरी कजिन को बिना कुछ किये चुपचाप बैठे देखती है वो थोड़ी देर कुछ सोचती है और फिर विराट से कहती है "मौसाजी क्या आप मुझे अपने शोल्डर्स पर बिठा लेंगें" विराट उसकी बात सुनके बहुत खुश होता है और उसे अपने कंधों पर बिठा लेता है और वो बच्ची खुशी खुशी चॉकलेट का एक पूरा पैकेट उठा लेती है, विराट उसे शाबासी देता है और बचे हुए चॉकलेट के दोनों पैकेट थोड़ी देर बाद दोनों बच्चियों को दे देगा यह सोचकर वहाँ से चला जाता है।

विराट की बेटी सबकुछ देख रही होती है जब विराट वहाँ से चला जाता है तो वो ग़ाज़ियाबाद की अपनी कजिन सिस्टर के पास आती है और उसकी बहुत तारीफ करती है और तारीफ करते करते उसे अपनी खास कजिन बताते हुये, प्यार भरी बातों के बीच उसकी आधी चॉकलेट शेयर कर लेती है।

थोड़ी देर को यदि तुम विराट को ईश्वर मान लो तो इस कहानी से यह सीख ले सकते हो कि ईश्वर से किसी वस्तु, पद आदि सीधे सीधे माँगने की जगह उस वस्तु, पद प्रतिष्ठा आदि की प्राप्ति का साधन माँगों कहो उससे कि मैं परिश्रम को तैयार हूँ मुझे मेरी इच्छा प्राप्ति का मार्ग दिखा। और साथ ही इस कहानी की ही तरह इस संसार में भी तीन तरह के लोग हैं तुम कौन से होना चाहते हो इसका भी चुनाव कर लो।

काली कल्याणकारी!🙏
#ज्योतिषडॉक्टर  #आचार्यतुषारापात

Sunday, October 13, 2019

शरद पूर्णिमा पर खीर बनाने के नियम

आप सभी को शरद पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती और मीराबाई जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!

शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर बना के चाँदनी में रखने की परंपरा है।

शरद पूर्णिमा पर खीर बनाने के नियम-
खीर बनाने के लिए ध्यान रखें कि चाँदी के बर्तन में गाय के दूध से ही खीर बनायें, गाय के दूध में थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं फिर उसमें चावल मिला के पकाएं फिर उसमें थोड़ी सी इलायची मिलाएं। अन्य कोई मेवा केसर तथा चीनी इत्यादि इस खीर में न डालें दूध में चीनी पहले से होती है आप जब दूध पकाते हैं तो दूध में पानी की मात्रा कम होने से यह स्वतः मीठा हो जाता है। चाँदी का बर्तन न होने पर मिट्टी का बर्तन प्रयोग करें और उसमें यदि संभव हो तो चाँदी का एक चम्मच डाल दें। अन्य किसी धातु के बर्तन में खीर बनाने से उतना लाभ नहीं होता।

यह खीर अगर चाँद की रोशनी में ही बनाई जाए और बनने के बाद चाँदनी में रख दी जाए तो औषधि हो जाती है। गाय के दूध में कई बीमारियों को दूर करने वाले तत्व होते हैं जो चंद्रमा की किरणों से एक्टिव हो जाते हैं और चंद्रमा की किरणों को अवशोषित कर लेते हैं, चाँदी की रोग प्रतिरोधकता का गुण इस मिश्रण में उतर आता है गंगाजल इस मिश्रण को जमने नहीं देता है और चावल में मौजूद स्टार्च इन सभी तत्वों को लॉक करता है इलायची स्वाद और सुगंध देने के साथ साथ दूध के भारीपन को दूर कर इसे सम्पूर्ण औषधि बना देती है।

चाँदनी में रखी गई यह खीर सूर्योदय से पहले ही अपने इष्टदेव को भोग लगा कर प्रसाद रूप में ग्रहण करनी चाहिए तभी इसके पूर्ण औषधि तत्वों (पुण्य) का लाभ प्राप्त होता है। इस खीर को खाने के तुरंत बाद सोना वर्जित है अच्छा होगा कि आप इसे खा के हल्की फुल्की वॉक पर निकल जाएं।

काली कल्याणकारी!🙏
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Friday, October 11, 2019

किसी ज्योतिषी से प्रश्न कैसे पूछें? क्यों नहीं पूरी होती कहीं माँगी गई दुआ या प्रार्थना? अपनी प्रार्थना या प्रश्न पूछने का क्या है सही तरीका? प्रार्थना, अर्जी लगाने और ज्योतिष विद्वान से प्रश्न पूछने के पाँच 5 नियम।

किसी ज्योतिषी से प्रश्न कैसे पूछें? क्यों नहीं पूरी होती कहीं माँगी गई दुआ या प्रार्थना? अपनी प्रार्थना या प्रश्न पूछने का क्या है सही तरीका? प्रार्थना, अर्जी लगाने और ज्योतिष विद्वान से प्रश्न पूछने के पाँच 5 नियम। आचार्य जी ने एक बहुत ही सरल और संक्षिप्त विधि बताई है जिसका प्रयोग करने से आपको अपने प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर प्राप्त होंगे। यह विधि आप कहीं भी किसी से भी कोई भी प्रश्न पूछने से पहले या कहीं देव स्थान, मंदिर आदि में अपनी प्रार्थना से पहले भी आजमायेगें तो चमत्कारी लाभ आपको मिल सकता है। 'ज्योतिष डॉक्टर'
निःशुल्क ज्योतिष परामर्श केंद्र आचार्य तुषारापात राम राम बैंक चौराहा अलीगंज लखनऊ जब कभी भी आपको किसी ज्योतिषी, विद्वान, प्रोफेसर या भगवान से कोई प्रार्थना या प्रश्न करना हो तो इन नियमों का पालन कीजिये- 1. एक बार में एक ही प्रश्न अपनी सरल भाषा में कम शब्दों में करें, अधिक के लालच से बचें, यदि सिद्ध विद्वान है या सिद्ध स्थान है तो एक प्रश्न या प्रार्थना से ही कल्याण हो जाएगा। 2. सबसे पहले अपने सबसे आवश्यक प्रश्न या प्रार्थना को निश्चित करें और फिर अपनी प्रार्थना या प्रश्न को पूछने से काफी पहले से मन ही मन उसे कई बार दोहरा लें जिससे आपको उसका फ्लो और वाक्य विन्यास समझ आ जाये कि कहीं शब्दों के अर्थ से कोई दूसरा अर्थ तो नहीं निकल रहा। आप जब मन में कई बार इसे दोहराएंगे तो आपको समझ आ जायेगा कि जो आप पूछना चाहते हैं उसके लिए यह शब्द और वाक्य ठीक है, भाव वही है जो आप जानना चाह रहे हैं। 3. यदि प्रश्न लिख के पूछना हो तो प्रश्न को कई बार लिख के संतुष्ट हों जाएं। 4. अब ध्यान से पढ़िए, प्रश्न चाहे पूछना हो या चाहे मेल, व्हाट्सएप आदि के द्वारा लिख के उत्तर जानना हो तो पूछने या लिखने से ठीक पहले 5 बार गहरी गहरी साँस लें और धीरे धीरे साँस बाहर छोड़ें तथा इस दौरान अपना मन उसी प्रश्न पर स्थिर कर दें। 5. पाँच गहरी साँस लेने के बाद अपना प्रश्न पूछना छठी साँस भीतर खींचते हुए आरंभ करें और ध्यान रखें कि जब आपका प्रश्न पूर्ण हो रहा हो तब आप एकदम से अपनी साँस बाहर न छोड़ दें वरन साँस को थोड़ी देर रोक कर प्रश्न पूछने के कुछ पलों बाद धीरे धीरे छोड़ के उत्तर की प्रतीक्षा करें। प्रश्न अगर लंबा है तो प्रश्न समाप्त होने से पहले दूसरी साँस भर लें पर किसी भी अवस्था में आपकी साँस प्रश्न समाप्त होने के समय पूरी बाहर नहीं छूटनी चाहिए। साँस पूरी छोड़ के प्रश्न करना अच्छा फल नहीं देता। यही प्रक्रिया प्रश्न लिख के पूछने में भी करें। आशा है आप इसे अपने जीवन में उतारेंगे और अन्य लोगों से यह विधि शेयर भी करेंगें।
काली कल्याणकारी!🙏 #ज्योतिषडॉक्टर #आचार्यतुषारापात

सूर्यग्रहण 26 दिसम्बर 2019 सम्पूर्ण जानकारी

सूर्यग्रहण 26 दिसम्बर 2019 काली कल्याणकारी! उपाय जानने के इच्छुक सीधे इस लंबे लेख के निचले हिस्से को पढ़ें शेष जिज्ञासु इसे पूरा पढ़ें। ...