आपको आम के पेड़ का एक स्वस्थ और बड़ा पत्ता लेकर उस आम के पत्ते को पानी से धोकर सुखा लेना है। जब पत्ता सूख जाए तो उसे किसी नुकीली चीज से हल्का हल्का गोदना है (हल्के हाथों से करें पत्ते के आरपार छेद न बने ये ध्यान रखें), फिर इसके बाद इस पत्ते को गाय के दूध में करीब आधे घण्टे के लिए भिगो के रख दें। अब अपनी अपनी राशि अनुसार ये काम करें-
1. मेष राशि वाले व्यक्ति दूध से निकाले पत्ते के बीचोबीच कत्थे की छाल रखें फिर एक ऐसा शुद्ध चाँदी का सिक्का रखें जिसे बाद में पहना जा सके( बच्चों को पहनाया जाने वाला चंद्रमा जैसा होता है)। सिक्का रखने के बाद उसके ऊपर कत्थे की छाल ऐसे रखें कि सिक्का पूरा ढक जाए इसके बाद आम के पत्ते को मोड़कर सिक्के को पूरा ऐसे बाँध दें जैसे पान पत्ते में बाँधा जाता है इसके लिए आप किसी धागे का प्रयोग करें तो बेहतर रहेगा उसके बाद एक मिट्टी के कुल्हड़ में गाय का घी इतना भरें जिसमें यह आम के पत्ते में बँधा चाँदी का सिक्का पूरा डूब जाए। घी से भरे कुल्हड़ में बनायी हुयी यह पत्ते की पुड़िया डुबोने के बाद कुल्हड़ के मुँह को एक बड़े मिट्टी के दीपक से ढक दें और उस दीपक में गाय के घी से एक गोलबाती को धनतेरस की शाम अपने शहर के ठीक सूर्यास्त के समय जलाएं यदि यह दीपक आप भैया दूज की सुबह तक लगातार जलाए रख सकते हैं तो सर्वोत्तम अगर यह सम्भव न हो तो धनतेरस की शाम जलाने के बाद अगले चार दिनों के सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अवश्य प्रज्ज्वलित करें। इस सारी प्रक्रिया का आरम्भ धनतेरस पर अपने शहर के सूर्यास्त से करीबन एक घंटे पहले से आपको करना है और दीपक का प्रज्ज्वलन ठीक सूर्यास्त के समय करना है।
भैया दूज पर सूर्योदय के एक घंटे के भीतर इस आम की पुड़िया से चाँदी के सिक्के को निकाल लें और किसी भी रंग के धागे में पहन लें।
गाय के बचे दूध को और निकले हुए आम के पत्ते को घर के किसी गमले में दबा दें और कुल्हड़ के घी को अपनी रोजमर्रा के पूजन के दीपक में प्रयोग कर डालें।
चाँदी का सिक्का, बताई गई जड़ अथवा छाल, मिट्टी का कुल्हड़ और दीपक आदि की खरीदारी धनतेरस पर अपने शहर के ठीक मध्याह्न समय पर करें यदि यह सम्भव न हो तो जितना संभव हो इसके आसपास का समय चुने।
2. अन्य सभी राशियों के व्यक्तियों को ऊपर बताई गई यह पूरी विधि करनी है बस कत्थे की छाल की जगह प्रत्येक राशि के व्यक्ति इन चीजों का प्रयोग करें-
3. वृषभ राशि के व्यक्ति ऊपर बताई गई विधि में कत्थे की छाल की जगह कपास की छाल या जड़ का प्रयोग करें, मिथुन राशि वाले केले के तने की छाल का, कर्क राशि वाले पलाश की छाल/जड़ का, सिंह राशि वाले मदार की जड़/छाल का, कन्या राशि वाले दूर्वा घास का, तुला राशि वाले गूलर की छाल का, वृश्चिक राशि वाले ढाक की छाल का, धनु राशि वाले केले की जड़ का, मकर राशि वाले शमी की जड़ का, कुंभ राशि वाले खजूर की गुठली का चूर्ण, और मीन राशि वाले पीपल की छाल या जड़ को ऊपर बताए गयी विधि (पॉइंट 1) के अनुसार प्रयोग करें।
काली कल्याणकारी!
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