अपने जीवन में आये सभी गुरुओं, जिन्होंने मुझे शिष्य माना, और जिनकी शिक्षा मैं एकलव्य बन अपने जीवन में उतारता गया, जिन्होंने मुझे ज्योतिष के गूढ़ ग्रंथों को समझने में सहायता दी, जिन्होंने मुझे दर्शन,धर्म आध्यात्मिकता का ज्ञान दिया उन सभी गुरुजनों, वरिष्ठों-कनिष्ठों सभी को आचार्य तुषारापात रूप में उनका यह शिष्य सादर नमन करता है साथ ही अपने परिवार और सोशल मीडिया के सभी परिवारजनों (मित्रजनों) को मैं अपने माता पिता और सभी गुरुओं से प्राप्त संस्कारों सहित प्रणाम करता हूँ।
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