विद्या और ज्ञान
एक कहानी सुनाता हूँ सुनो
एक एकाउंटेंट जिसका नाम था विराट, अपनी पत्नी और पुत्री के साथ प्रयाग में रहता था। उसे समय समय पर अपनी पत्नी और अपनी छह वर्षीय बेटी की बुद्धि की परीक्षा लेने का बड़ा शौक था।
एक बार गर्मी की छुट्टियों में उसकी पत्नी की दोनों बहनें अपनी एक एक बेटी के साथ कुछ दिनों के लिए उसके घर आईं। उसकी एक साली ग़ाज़ियाबाद से थी और दूसरी चंडीगढ़ से। उन दोनों बहनों की दोनों बेटियाँ भी विराट की बेटी की उम्र के आसपास की हीं थीं।
एक दिन उसने तीनों बच्चियों की परीक्षा लेने का सोचा। उसने चॉकलेट के तीन पैकेट लेकर किचेन के सबसे ऊपर के कैबिनेट पे रख दिये जहाँ तक पहुँचने के लिए उसकी पत्नी को भी स्टूल लगाना पड़ता था तो छोटी बच्चियों के पहुँचने का कोई सवाल ही न था।
चॉकलेट ऊपर रखने के बाद उसने तीनों बच्चियों से कहा कि अब तीनों को इन पैकेटों में से अपने लिए एक एक पैकेट उठाना है लेकिन इसके लिए उन्हें न कोई स्टूल या सीढ़ी वगैरह लगानी है और न ही उन्हें सीधे सीधे अपनी माँओं या उससे यानी विराट से चॉकलेट उठाने को कहना है।
चंडीगढ़ से आई बच्ची बहुत जोश में किचेन में इधर उधर दौड़ के चढ़ने की जगह ढूंढने लगती है पर थोड़ी बहुत कोशिशों के बाद थक जाती है और रूठ के जाते जाते कह जाती है "मौसा जी को अगर चॉकलेट खिलानी थी तो सीधे सीधे दे देते, ये क्या कि इधर से चढ़ो उधर से चढ़ो।"
विराट की खुद की बेटी कुछ भी प्रयास नहीं करती है और चुपचाप जाकर किचेन से लगी डाइनिंग टेबल की उस कुर्सी पर जाकर बैठ जाती है जहाँ से किचेन उसे दिखता रहे।
ग़ाज़ियाबाद से आई बच्ची अपनी एक कजिन को कोशिश करके हार के जाते देखती है और दूसरी कजिन को बिना कुछ किये चुपचाप बैठे देखती है वो थोड़ी देर कुछ सोचती है और फिर विराट से कहती है "मौसाजी क्या आप मुझे अपने शोल्डर्स पर बिठा लेंगें" विराट उसकी बात सुनके बहुत खुश होता है और उसे अपने कंधों पर बिठा लेता है और वो बच्ची खुशी खुशी चॉकलेट का एक पूरा पैकेट उठा लेती है, विराट उसे शाबासी देता है और बचे हुए चॉकलेट के दोनों पैकेट थोड़ी देर बाद दोनों बच्चियों को दे देगा यह सोचकर वहाँ से चला जाता है।
विराट की बेटी सबकुछ देख रही होती है जब विराट वहाँ से चला जाता है तो वो ग़ाज़ियाबाद की अपनी कजिन सिस्टर के पास आती है और उसकी बहुत तारीफ करती है और तारीफ करते करते उसे अपनी खास कजिन बताते हुये, प्यार भरी बातों के बीच उसकी आधी चॉकलेट शेयर कर लेती है।
थोड़ी देर को यदि तुम विराट को ईश्वर मान लो तो इस कहानी से यह सीख ले सकते हो कि ईश्वर से किसी वस्तु, पद आदि सीधे सीधे माँगने की जगह उस वस्तु, पद प्रतिष्ठा आदि की प्राप्ति का साधन माँगों कहो उससे कि मैं परिश्रम को तैयार हूँ मुझे मेरी इच्छा प्राप्ति का मार्ग दिखा। और साथ ही इस कहानी की ही तरह इस संसार में भी तीन तरह के लोग हैं तुम कौन से होना चाहते हो इसका भी चुनाव कर लो।
काली कल्याणकारी!🙏
#ज्योतिषडॉक्टर #आचार्यतुषारापात
एक कहानी सुनाता हूँ सुनो
एक एकाउंटेंट जिसका नाम था विराट, अपनी पत्नी और पुत्री के साथ प्रयाग में रहता था। उसे समय समय पर अपनी पत्नी और अपनी छह वर्षीय बेटी की बुद्धि की परीक्षा लेने का बड़ा शौक था।
एक बार गर्मी की छुट्टियों में उसकी पत्नी की दोनों बहनें अपनी एक एक बेटी के साथ कुछ दिनों के लिए उसके घर आईं। उसकी एक साली ग़ाज़ियाबाद से थी और दूसरी चंडीगढ़ से। उन दोनों बहनों की दोनों बेटियाँ भी विराट की बेटी की उम्र के आसपास की हीं थीं।
एक दिन उसने तीनों बच्चियों की परीक्षा लेने का सोचा। उसने चॉकलेट के तीन पैकेट लेकर किचेन के सबसे ऊपर के कैबिनेट पे रख दिये जहाँ तक पहुँचने के लिए उसकी पत्नी को भी स्टूल लगाना पड़ता था तो छोटी बच्चियों के पहुँचने का कोई सवाल ही न था।
चॉकलेट ऊपर रखने के बाद उसने तीनों बच्चियों से कहा कि अब तीनों को इन पैकेटों में से अपने लिए एक एक पैकेट उठाना है लेकिन इसके लिए उन्हें न कोई स्टूल या सीढ़ी वगैरह लगानी है और न ही उन्हें सीधे सीधे अपनी माँओं या उससे यानी विराट से चॉकलेट उठाने को कहना है।
चंडीगढ़ से आई बच्ची बहुत जोश में किचेन में इधर उधर दौड़ के चढ़ने की जगह ढूंढने लगती है पर थोड़ी बहुत कोशिशों के बाद थक जाती है और रूठ के जाते जाते कह जाती है "मौसा जी को अगर चॉकलेट खिलानी थी तो सीधे सीधे दे देते, ये क्या कि इधर से चढ़ो उधर से चढ़ो।"
विराट की खुद की बेटी कुछ भी प्रयास नहीं करती है और चुपचाप जाकर किचेन से लगी डाइनिंग टेबल की उस कुर्सी पर जाकर बैठ जाती है जहाँ से किचेन उसे दिखता रहे।
ग़ाज़ियाबाद से आई बच्ची अपनी एक कजिन को कोशिश करके हार के जाते देखती है और दूसरी कजिन को बिना कुछ किये चुपचाप बैठे देखती है वो थोड़ी देर कुछ सोचती है और फिर विराट से कहती है "मौसाजी क्या आप मुझे अपने शोल्डर्स पर बिठा लेंगें" विराट उसकी बात सुनके बहुत खुश होता है और उसे अपने कंधों पर बिठा लेता है और वो बच्ची खुशी खुशी चॉकलेट का एक पूरा पैकेट उठा लेती है, विराट उसे शाबासी देता है और बचे हुए चॉकलेट के दोनों पैकेट थोड़ी देर बाद दोनों बच्चियों को दे देगा यह सोचकर वहाँ से चला जाता है।
विराट की बेटी सबकुछ देख रही होती है जब विराट वहाँ से चला जाता है तो वो ग़ाज़ियाबाद की अपनी कजिन सिस्टर के पास आती है और उसकी बहुत तारीफ करती है और तारीफ करते करते उसे अपनी खास कजिन बताते हुये, प्यार भरी बातों के बीच उसकी आधी चॉकलेट शेयर कर लेती है।
थोड़ी देर को यदि तुम विराट को ईश्वर मान लो तो इस कहानी से यह सीख ले सकते हो कि ईश्वर से किसी वस्तु, पद आदि सीधे सीधे माँगने की जगह उस वस्तु, पद प्रतिष्ठा आदि की प्राप्ति का साधन माँगों कहो उससे कि मैं परिश्रम को तैयार हूँ मुझे मेरी इच्छा प्राप्ति का मार्ग दिखा। और साथ ही इस कहानी की ही तरह इस संसार में भी तीन तरह के लोग हैं तुम कौन से होना चाहते हो इसका भी चुनाव कर लो।
काली कल्याणकारी!🙏
#ज्योतिषडॉक्टर #आचार्यतुषारापात
हम विराट कि बेटी कि तरह बनना चाहते है 🙏💝
ReplyDeleteयही आशीर्वाद चाहिए प्रभु से